पूर्व सैनिकों के लिए संपत्ति कर में छूट: एक सम्मानजनक पहल

संपत्ति कर में छूट

देश की रक्षा में अपना जीवन समर्पित करने वाले पूर्व सैनिकों (Ex-Servicemen – ESM) के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार की सुविधाएं और छूटें प्रदान की जाती हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण सुविधा है संपत्ति कर (Property Tax) में छूट। यह लेख इस विषय पर विस्तार से जानकारी देगा कि यह छूट किन्हें मिलती है, कैसे मिलती है और इसके पीछे क्या उद्देश्य है।

संपत्ति कर में छूट का उद्देश्य

पूर्व सैनिकों ने देश की सेवा में जो त्याग किया है, उसका सम्मान करते हुए उन्हें नागरिक जीवन में कुछ विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। संपत्ति कर में छूट भी उसी भावना से जुड़ी हुई एक योजना है, जिसका उद्देश्य है:

  • पूर्व सैनिकों के आर्थिक बोझ को कम करना
  • उन्हें सम्मान के साथ पुनर्वास देना
  • सैन्य सेवा के प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण बढ़ाना

कौन हैं लाभार्थी?

संपत्ति कर में छूट निम्नलिखित श्रेणियों के पूर्व सैनिकों को दी जाती है:

  1. सेवानिवृत्त सैनिक (ESM)
  2. युद्ध में शहीद सैनिकों के परिवार
  3. विकलांग सैनिक या युद्ध में घायल सैनिक
  4. गैलंट्री अवॉर्ड विजेता (जैसे परमवीर चक्र, वीर चक्र आदि)

छूट की प्रकृति

  • छूट की सीमा और नियम प्रत्येक राज्य या नगर पालिका के अनुसार भिन्न होते हैं।
  • कई स्थानों पर पूर्ण छूट दी जाती है, जबकि कुछ नगर निगमों में आंशिक छूट (जैसे 50% या 75%) लागू होती है।
  • छूट आमतौर पर आवासीय संपत्ति पर ही लागू होती है, न कि व्यवसायिक संपत्ति पर।

आवश्यक दस्तावेज़

छूट का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक होते हैं:

  1. सेवानिवृत्ति प्रमाण पत्र / सेवा विवरण प्रमाण पत्र
  2. ESM पहचान पत्र
  3. संपत्ति के स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज़
  4. गैलंट्री अवॉर्ड प्रमाण (यदि लागू हो)
  5. नगर निगम या स्थानीय निकाय द्वारा मांगे गए आवेदन प्रपत्र

प्रमुख राज्य जहां यह छूट लागू है

कई राज्यों और महानगरों में यह योजना सक्रिय रूप से लागू है, जैसे:

  • तमिलनाडु – कई नगर निगमों में पूर्व सैनिकों को 100% संपत्ति कर छूट।
  • महाराष्ट्र – पुणे, मुंबई जैसे शहरों में आंशिक छूट।
  • उत्तर प्रदेश और हरियाणा – शहीद सैनिकों के परिवारों को विशेष छूट।

चुनौतियां और सुझाव

हालांकि यह सुविधा काफी सराहनीय है, परंतु इसके कार्यान्वयन में कुछ समस्याएं देखी गई हैं:

  • जानकारी का अभाव – कई ESM को इस योजना के बारे में जानकारी ही नहीं होती।
  • कुछ नगरपालिकाएं मनमाने ढंग से छूट नहीं देतीं।
  • आवेदन प्रक्रिया कई बार जटिल और समयसाध्य होती है।

सुझाव:

  • हर राज्य में एक पारदर्शी पोर्टल हो जहां ESM आवेदन कर सकें।
  • पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
  • राज्य सरकारें एक समान नीति बनाएं।

निष्कर्ष

संपत्ति कर में छूट केवल एक आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि यह राष्ट्र की ओर से एक सम्मान है उन वीरों के लिए जिन्होंने अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मातृभूमि की सेवा में लगाया। सभी नागरिकों, सरकारी अधिकारियों और संस्थाओं का कर्तव्य है कि वे इस छूट को सही पात्रों तक पहुंचाने में सहयोग करें।

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