हमें गर्व है कि हम कर्नल मनप्रीत सिंह के परिवार से हैं”
— श्रीमती जगमीत ग्रेवाल, कीर्ति चक्र विजेता शहीद की पत्नी
भारत मां के वीर सपूतों की शौर्यगाथाएं इतिहास के पन्नों में अमर होती हैं। उन्हीं अमर योद्धाओं में एक नाम है कर्नल मनप्रीत सिंह का, जिन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया — भारत का दूसरा सर्वोच्च शौर्य पुरस्कार।
13 सितंबर 2023: शौर्य और बलिदान की तारीख
यह दिन भारतीय सेना और पूरे राष्ट्र के लिए गर्व और शोक दोनों लेकर आया। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के घने जंगलों में आतंकवादियों के खिलाफ सर्च एंड डेस्ट्रॉय ऑपरेशन का नेतृत्व करते हुए कर्नल मनप्रीत सिंह और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं मुज़म्मिल भट ने अद्वितीय साहस और कुशल निर्णय क्षमता का परिचय दिया।
उन्होंने न केवल एक आतंकवादी को ढेर किया, बल्कि अन्य आतंकियों को सीमित कर क्षेत्र को सुरक्षित भी किया। इस भीषण मुठभेड़ में देश ने अपने दो सपूतों को खो दिया, लेकिन उनके बलिदान ने आने वाली पीढ़ियों के लिए साहस और समर्पण की मिसाल कायम की।
शहीद की पत्नी का भावनात्मक संदेश
शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की पत्नी श्रीमती जगमीत ग्रेवाल ने गर्व से कहा —
“हमें गर्व है कि हम कर्नल मनप्रीत सिंह के परिवार से हैं।“
उनके इन शब्दों में दर्द है, लेकिन उससे कहीं अधिक गर्व और राष्ट्र के प्रति निष्ठा झलकती है। यह भावना हर उस भारतीय के हृदय को झकझोरती है, जो देशभक्ति को अपने जीवन का उद्देश्य मानता है।
राष्ट्र का नमन
कर्नल मनप्रीत सिंह और डीएसपी हुमायूं भट दोनों को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनकी वीरता को मान्यता देता है, बल्कि यह पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
एक प्रेरणा, एक संकल्प
इन वीरों का बलिदान हमें यह सिखाता है कि देश की रक्षा के लिए हर क्षण तैयार रहना चाहिए। उनका जीवन हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो भारत माता की सेवा का स्वप्न देखता है।
आज जब हम अपने जीवन की छोटी-छोटी चुनौतियों से जूझते हैं, तब इन शहीदों की गाथाएं हमें न सिर्फ मजबूती देती हैं, बल्कि यह भी याद दिलाती हैं कि असली नायक वे हैं जो देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं।