भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च सैन्य अधिकारी, मुख्य रक्षा अध्यक्ष (Chief of Defence Staff – CDS) जनरल अनिल चौहान ने आज जम्मू-कश्मीर स्थित उधमपुर में भारतीय सेना की उत्तरी कमान और हरियाणा स्थित चंडीमंदिर मिलिट्री स्टेशन में पश्चिमी कमान का दौरा किया। यह यात्रा हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद की स्थिति का रणनीतिक आकलन और संचालनात्मक मूल्यांकन करने के उद्देश्य से की गई थी।
यात्रा का उद्देश्य: रणनीति, संचालन और समन्वय की गहराई से समीक्षा
जनरल अनिल चौहान ने इन दोनों महत्वपूर्ण सैन्य क्षेत्रों में तैनात वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के साथ चर्चा की। इस दौरान उन्होंने:
- ऑपरेशन सिंदूर के परिणामों की गहन समीक्षा की,
- संचालनात्मक तैयारियों और रणनीतिक प्राथमिकताओं का मूल्यांकन किया,
- तथा वर्तमान एवं संभावित खतरों से निपटने के लिए चल रही गतिविधियों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया।
CDS की सराहना और निर्देश
CDS जनरल चौहान ने कठिन परिस्थितियों में भी समयबद्ध संचालनात्मक लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सेना की सराहना की। उन्होंने कहा कि:
“वर्तमान परिदृश्य में चौकसी, तीनों सेनाओं के बीच समन्वय और साझा रणनीतिक दृष्टिकोण की निरंतर आवश्यकता है।”
यह बयान स्पष्ट करता है कि सीमाओं पर लगातार बदलते हालात और उभरते सुरक्षा खतरे अब सिर्फ एक सेवा की जिम्मेदारी नहीं रह गए हैं — बल्कि तीनों सेनाओं (थल, वायु, नौसेना) के समन्वय की आवश्यकता और भी अधिक हो गई है।
ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में समीक्षा
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद यह पहली उच्च स्तरीय रणनीतिक समीक्षा यात्रा थी। हालांकि ऑपरेशन से जुड़ी विस्तृत जानकारियाँ गोपनीय हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि इसके परिणामस्वरूप:
- सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और तेज की गई है,
- और संभावित आंतरिक/बाहरी खतरों को लेकर सतर्कता की नई परिभाषा तय की गई है।
संयुक्त संचालन की दिशा में बढ़ते कदम
जनरल चौहान की इस यात्रा का एक और मुख्य उद्देश्य ‘थिएटर कमांड’ की अवधारणा को व्यवहारिक स्तर पर सशक्त बनाना भी था। संयुक्त संचालन और संसाधनों के सामूहिक उपयोग से:
- मिशनों की सफलता दर बढ़ेगी,
- लागत और समय की बचत होगी,
- तथा तीनों सेनाएं किसी भी खतरे का मिलकर सामना कर सकेंगी।
उत्तर और पश्चिम कमान: रणनीतिक महत्व
उत्तरी कमान (उधमपुर, जम्मू–कश्मीर):
- पाकिस्तान और चीन की सीमाओं से सटा क्षेत्र।
- आतंकवाद, घुसपैठ और सीमापार गोलीबारी जैसी चुनौतियों से जूझता है।
पश्चिमी कमान (चंडीमंदिर, हरियाणा):
- पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
- पारंपरिक युद्ध की स्थिति में यह कमान अग्रिम पंक्ति में रहती है।
इन दोनों ही क्षेत्रों में युद्ध स्तर की तैयारी रखना भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।
एक भारत अखंड भारत
जनरल अनिल चौहान की यह यात्रा केवल एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि भारतीय सेना की जमीनी तैयारियों, रणनीतिक सक्षमता और समन्वय क्षमता का गहरा मूल्यांकन थी। तीनों सेनाओं के बीच तालमेल, तकनीकी एकीकरण और सतत चौकसी आने वाले समय में भारत की सुरक्षा नीति की मूल धारा होगी।
भारत सुरक्षित है, क्योंकि हमारी सेनाएं सजग हैं। जय हिंद!
- CSD Car Purchase Guide (June 2025): Price List & Eligibility for Defence Personnel
- Wearing of Medals by Ex-Servicemen on Civil Attire — Official Guidelines
- Home Delivery of Medicines for ECHS Beneficiaries: Process & Payment Methodology
- Distinct Vertical Promotion Quota for Re-Employed Ex-Servicemen in Government Services and PSUs
- Uniform Pay Fixation for Reemployed Ex-Servicemen: Time for Legal Action as Government Delays Justice