सेवानिवृत्त सैनिकों को टोल टैक्स में छूट नहीं: आरटीआई और नीति पत्रों ने किया स्पष्ट

सेवानिवृत्त सैनिकों (Ex-Servicemen) को लेकर अक्सर यह भ्रम बना रहता है कि क्या उन्हें टोल प्लाजा पर टोल टैक्स से छूट मिलती है या नहीं। कई बार ऐसे मामलों में टोल कर्मियों से विवाद भी होते हैं। लेकिन अब यह विषय पूरी तरह स्पष्ट हो गया है। दो आधिकारिक दस्तावेजों—एक नीति पत्र (Policy Letter) और एक आरटीआई (RTI) उत्तर—ने इस भ्रम को दूर कर दिया है और स्थिति को पूरी तरह साफ कर दिया है।

🔍 प्रमुख प्रश्न: क्या Ex-Servicemen को टोल टैक्स माफ है?

31 जनवरी 2023 को दायर एक आरटीआई के तहत यह सवाल पूछा गया कि क्या Ex-Servicemen को टोल टैक्स से छूट दी जाती है? इसके उत्तर में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 2023 में एक स्पष्ट जवाब जारी किया:

“Ex-servicemen is not exempted from toll tax.”
अर्थात, सेवानिवृत्त सैनिकों को टोल टैक्स से कोई छूट प्राप्त नहीं है।

साथ ही, NHAI ने 17 जून 2014 की भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक Office Memorandum का हवाला दिया, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि टोल टैक्स में छूट केवल कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में ही दी जाती है।

🛑 छूट किन्हें दी जाती है?

सरकार द्वारा जारी स्पष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार:

  1. भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के सक्रिय (सेवारत) अधिकारी/कर्मी, जो सरकारी ड्यूटी पर हैं और सरकारी वाहनों का उपयोग कर रहे हैं—उन्हें टोल टैक्स से छूट प्राप्त है।
  2. भारतीय टोल, सेना और नौसेना अधिनियम 1901 के तहत, यह छूट सिर्फ उन्हीं लोगों पर लागू होती है जो सरकार द्वारा अधिकृत हैं और केवल सरकारी कार्यों के लिए सफर कर रहे हैं।
  3. सेवानिवृत्त सैनिकों, उनके परिवारजनों या निजी वाहनों को कोई छूट नहीं दी गई है, चाहे वे किसी भी कारण से यात्रा कर रहे हों।

📜 नीति स्पष्ट है: “दूध का दूध, पानी का पानी”

संबंधित दस्तावेजों में दो प्रमुख बातें स्पष्ट हैं:

  • RTI उत्तर (2023): Ex-servicemen को टोल टैक्स में छूट नहीं है।
  • Policy Letter (2014): टोल छूट केवल सरकारी ड्यूटी और सरकारी वाहन पर ही लागू होती है।

इसलिए, यदि कोई पूर्व सैनिक अपनी निजी कार से सफर कर रहा है, चाहे वह किसी भी उद्देश्य से हो, तो उसे टोल टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य है।

🙏 विवाद से बचें, जानकारी का पालन करेंकई बार पूर्व सैनिकों को यह विश्वास रहता है कि उन्हें टोल टैक्स में छूट मिलनी चाहिए, और इसी भ्रम में वे टोल पर कर्मचारियों से बहस करने लगते हैं। लेकिन अब जब कि नीति और RTI दोनों ने यह स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया है, तो विवाद की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती।

सेवानिवृत्त सैनिकों से अनुरोध है कि वे FASTag या नकद भुगतान के माध्यम से टोल का भुगतान करें और अनावश्यक विवाद से बचें।

🔚 निष्कर्ष

एक सच्चे देशभक्त की पहचान नियमों का पालन करने से होती है, ना कि अधिकारों के भ्रम में बहस करने से।

Ex-servicemen होने का सम्मान निस्संदेह बहुत बड़ा है, लेकिन सरकारी नीतियों का पालन करना हम सबकी जिम्मेदारी है। इसलिए, अब यह विषय पूरी तरह से “Final Order” की तरह स्पष्ट है—सेवानिवृत्त सैनिकों को टोल टैक्स से कोई छूट नहीं मिलती है।

धन्यवाद।
जय हिन्द!

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